भगवान श्रीकृष्ण व त्यांचे ८० मुलांचे नांवे
१. रुक्मिणी -+ भ. श्रीकृष्ण मुले १०.
प्रद्युम्न,
चारुदेष्ण,
सुदेष्ण,
चारुदेह,
सुचारू,
चारुगुप्त,
भद्रचारु,
चारुचन्द्र,
विचारु और
चारु।
2. सत्यभामा + भ. श्रीकृष्ण मुले १०. मुली ४
एकूण मुले १०
भानु,
सुभानु,
स्वर्भानु,
प्रभानु,
भानुमान,
चन्द्रभानु,
वृहद्मानु,
अतिभानु,
श्रीभानु और
प्रतिभानु।
एकूण मुली ४
भानुमति भीममालिक ताम्रपर्णी जलन्धमा
३. जाम्बवंती + भ. श्रीकृष्ण मुले १०
जांबवती ऋक्षराज जांबवान की पुत्री व श्रीकृष्ण की पत्नी थी। सत्राजित सूर्य का भक्त था। उसे सूर्य ने स्यमंतक मणि प्रदान की थी। मणि अत्यंत चमकीली तथा प्रतिदिन आठ भार (तोल माप) स्वर्ण प्रदान करती थी।
साम्ब,
सुमित्र,
पुरुजित,
शतजित,
सहस्रजित,
विजय,
चित्रकेतु,
वसुमान,
द्रविड़ और
क्रतु।
१ मुलगी – मित्रवती
४. सत्या -भ. श्रीकृष्ण मुले १०
सत्या भगवान श्रीकृष्ण की आठ प्रमुख रानियों में से एक थीं।
कौशल देश के राजा नग्नजित की परम सुन्दरी कन्या का नाम सत्या था तथा नग्नजित की पुत्री होने से वह ‘नाग्नजिती’ भी कहलाती थी।
स्वयंवर में सात बिना नथुने छिदे साँड़ों को परास्त करके रानी सत्या से श्रीकृष्ण ने विवाह किया था।
भगवान श्रीकृष्ण और रानी सत्या संतानों के नाम-
१. वीर,
२. चन्द्र,
३. अश्वसेन,
४ चित्रगु,
५. वेगवान,
६. वृष,
७. आम,
८. शंकु,
९. वसु और
१०. कुन्ति।
१. मुलगी- भद्रवती
५. कालिंदी -भ. श्रीकृष्ण मुले १०
श्रुत,
कवि,
वृष,
वीर,
सुबाहु,
भद्र,
शांति,
दर्श,
पूर्णमास और
सोमक।
६. लक्ष्मणा -भ. श्रीकृष्ण मुले १०
प्रघोष,
गात्रवान,
सिंह,
बल,
प्रबल,
ऊर्ध्वग,
महाशक्ति,
सह,
ओज और
अपराजित।
७. मित्रविन्दा -भ. श्रीकृष्ण मुले १०
वृक,
हर्ष,
अनिल,
गृध्र,
वर्धन,
अन्नाद,
महांस,
पावन,
वह्नि और
क्षुधि।
८. भद्रा -भ. श्रीकृष्ण मुले १०
संग्रामजित,
वृहत्सेन,
शूर,
प्रहरण,
अरिजित,
जय,
सुभद्र,
वाम,
आयु और
सत्यक