घृताची अप्सरा
घृताची
संकलक : धनंजय महाराज मोरे Dhananjay Maharaj More
9422938199//9823334438
Email : more.dd819@gmail.com
घृताची प्रसिद्ध अपसरा जो कश्यप ऋषि तथा प्राधा की पुत्री थी। पौराणिक परंपरा के अनुसार घृताची से रुद्राश्व द्वारा १० पुत्रों, कुशनाभ से १०० पुत्रियों, च्यवन पुत्र प्रमिति से कुरु नामक एक पुत्र तथा एकमत से वेदव्यास से शुकदेव का जन्म हुआ। एक बार भरद्वाज ऋषि ने इसे गंगा में स्नान करते देखा और उनका वीर्यपात हो गया। वीर्य को उन्होंने एक द्रोणि (मिट्टी का बर्तन) में रख दिया जिससे द्रोणाचार्य पैदा हुए कहे जाते हैं।
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