सूर्य वंश

1 ✔👇हे इतरांही शेअर करा 👇

तुमचे आडनांव जर नक्की माहित असेल तर तुमच्या कुळाची माहिती घेण्यासाठी
येथे क्लिक करा.

सर्व आडनांवे-surname- list यादी पहा

माझे आडनांव नाही,
येथे क्लिक करा.

कभी सोचा है की प्रभु श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?

नहीं तो जानिये-

सूर्य वंश –
वंश संख्या 52 ये वंश अपनी विष्णु को अपना आदिपुरुष या मूलपुरुष मानते हैं । वैकुण्ठ का पहला राजा भगवान् विष्णु को ही माना जाता है । इन्हें आदिनारायण भी कहा जाता है तथा इन्हें क्षत्रिय माना गया है । विष्णु का पुत्र ब्रह्मदेव . ब्रह्मदेव का पुत्र मरीचि मरीचि का पुत्र काश्यप और काश्यप का पुत्र विवस्वान ऊर्फ सूर्य । इसी सूर्य से सूर्यवंश प्रसूत हुआ । सूर्य का पुत्र वैवस्त मनु हुआ ।

1 – ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,

2 – मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,

3 – कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,

4 – विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,

5 – वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |

6 – इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,

7 – कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,

8 – विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,

9 – बाण के पुत्र अनरण्य हुए,

10- अनरण्य से पृथु हुए,

11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,

12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,

13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,

14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,

15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,

16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,

17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,

18- भरत के पुत्र असित हुए,

19- असित के पुत्र सगर हुए,

20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,

21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,

22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,

23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |

24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |

25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,

26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,

27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,

28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,

29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,

30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,

31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,

32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,

33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,

34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,

35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,

36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,

37- अज के पुत्र दशरथ हुए,

38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |

इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..

🚩🚩पंडित नीलेश पाण्डेय🚩🚩

तुमचे आडनांव जर नक्की माहित असेल तर तुमच्या कुळाची माहिती घेण्यासाठी
येथे क्लिक करा.

सर्व आडनांवे-surname- list यादी पहा

माझे आडनांव नाही,
येथे क्लिक करा.

1 ✔👇हे इतरांही शेअर करा 👇

12 Comments

  1. नमस्कार, माझे आडनाव “लाटे” आहे. मला माझे आडनाव यादीत नाही मिळाले.

  2. Raju Kumar d more
    Way .24
    Hit,5.2
    Mom. No
    Papp. No
    Brdar .no
    Sister .no
    Visan .no
    City . Bylgavi .Karnataka. . India
    Jod . cars driving
    I’m anata .
    Garjayai mnun rhyca asil tare ok
    Eriksson . English .midym 9 class
    96 .Koli Sivaji mrata

  3. आमचे मुळ अडनाव सुर्यवंश होते परंतु आमचे आजोबा दुसर्या गावाला रहला गले त्यमुळे आमचे नाव डासालकर पडले
    कृपया आमचे नाव त्या यादीत घ्यावे

  4. पोळ आडणावे माहिती नाही तर ति दया

      • आपल्याया ” ” कुळाची संपूर्ण माहिती पाठवावी तरच खात्री झाल्यावर समाविष्ट करता येईल.
        जुने आडनांव जुन्या लोकांना विचारा किंवा
        कॉल करा. 9422938199 धनंजय महाराज मोरे
        काही जुने कागदपत्रे आहेत का पुराव्यासाठी फोटो पाठवा 9422938199 वर.

    • नमस्कार नेमके आपल्याला कोणत्या कुळा बद्दल माहिती पाहिजेत,

      कृपया
      त्या कुळाच्या मध्ये असलेले आडनाव लिहा.

      सध्याचे वापरात असलेले आडनाव किंवा यापूर्वीचे एखादी जुने आडना उपलब्ध असल्यास तेही लिहावे

      त्या लिहिलेल्या आडनावावरून मग शोधून तुम्हाला माहिती पुढील देता येईल

      धन्यवाद

        • आपल्याया ” ” कुळाची संपूर्ण माहिती पाठवावी तरच खात्री झाल्यावर समाविष्ट करता येईल.
          जुने आडनांव जुन्या लोकांना विचारा किंवा
          कॉल करा. 9422938199 धनंजय महाराज मोरे
          काही जुने कागदपत्रे आहेत का पुराव्यासाठी फोटो पाठवा 9422938199 वर.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *